हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचल में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से ठीक पहले सरकार ने नगर निगम शिमला में प्रशासक की तैनाती कर सबको चौंका दिया। चार महीने पहले नगर निगम सदन का कार्यकाल पूरा हो चुका है। जून में ही प्रशासक की तैनाती की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन उस समय सरकार ने प्रशासक तैनात नहीं किया।
अब अचानक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पायुक्त शिमला आदित्य नेगी को नगर निगम प्रशासक की अतिरिक्त जिम्मेदारी देते हुए इस पद पर तैनाती दे दी है। सरकार की ओर से बुधवार शाम इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है। भाजपा शासित नगर निगम का कार्यकाल 18 जून 2022 को पूरा हो गया था।
इसके बाद चुनाव करवाने की तैयारी थी। सरकार ने शहर में वार्डों का पुनर्सीमांकन करते हुए 34 की जगह 41 वार्ड बना दिए। लेकिन नाभा और समरहिल वार्ड के पुनर्सीमांकन का मामला कोर्ट तक पहुंच गया। यह मामला अभी भी विचाराधीन है। इसके चलते चुनाव आयोग ने नगर निगम शिमला के चुनाव नहीं करवाए।
चुनाव न होने पर पहले ही प्रशासक की तैनाती को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सरकार ने चार महीने तक इस पद पर किसी को तैनात नहीं किया। अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने उपायुक्त शिमला को ही इस पद पर तैनाती दे दी है। नगर निगम एक्ट के अनुसार अब सदन में लिए जाने वाले फैसले प्रशासक अपने स्तर पर ले सकेगा।
1980 के बाद जब से नगर निगम के चुनाव शुरू हुए हैं, पहली बार प्रशासक की तैनाती यहां की जा रही है। इससे पहले अंग्रेजी शासनकाल में ही प्रशासक तैनात होता था।
शहर में 10 लाख रुपये तक के निर्माणकार्य मंजूर करने की शक्तियां नगर निगम आयुक्त के पास हैं। इससे अधिक के बजट वाले काम सदन पास करता था। अब सदन न होने पर प्रशासक से इसकी मंजूरी ली जाएगी।