हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। देश भर में 100 से कम शहरी निकायों वाले छोटे राज्य में हिमाचल प्रदेश का 2200 अंकों के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण में चौथे नंबर पर रहा है। इसमें त्रिपुरा पहले, झारखंड दूसरे और उत्तराखंड तीसरे स्थान पर रहा है।
वहीं शिमला ने लंबी छलांग लगाई है। एक से दस लाख की आबादी वाले देश के 382 शहरों में शिमला को 56वां रैंक मिला है। बीते साल शिमला 102वें नंबर पर खिसक गया था। लेकिन इस बार नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली और निगम स्वास्थ्य अधिकारी चेतन चौहान के प्रयासों से शानदार वापसी हुई है।
शिमला शहर को कुल 4798 अंक हासिल हुए है। शिमला प्रदेश में नंबर वन स्वच्छ शहर बना है। प्रदेश के 15000 से कम जनसंख्या वाले शहरों में कांगड़ा का 65वां और नयनादेवी का 68वां स्थान रहा। करसोग को 419वां स्थान मिला।
15000 से 25000 जनसंख्या वाले शहरों में धर्मशाला 86वें, हमीरपुर 208वें, बैजनाथ और पपरोला 220वें, कुल्लू 244वें, ऊना 248वें, सुंदरनगर 252वें और चंबा 276वें स्थान पर रहा। 25000 से 50000 जनसंख्या वाले शहरों में सोलन 31वें, बद्दी 104वें, पांवटा साहिब 107वें, नाहन 126वें और मंडी 192वें स्थान पर रहा।
पेयजल गुणवत्ता में हिमाचल अव्वल
जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हिमाचल प्रदेश के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। प्रदेश अब पेयजल गुणवत्ता में भी देश भर में प्रथम नंबर पर आया है। पिछले वर्ष भी प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया था।