हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचल में सरकारी नौकरी के लिए दिन रात मेहनत कर रहे पढ़े लिखे युवा नौकरियां निकलने का इंतजार करते रह गए और इधर एक महकमे ने गुपचुप चार बड़े पदों पर रिटायर अफसर बिठा दिए।
यह मामला शिमला का है। नगर निगम के कर्मचारियों ने युवाओं के साथ हो रहे इस धोखे पर कंपनी को निशाने पर ले लिया है। शिमला शहर की पेयजल व्यवस्था का जिम्मा पहले नगर निगम देखता था। अब यह काम कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी में नगर निगम और सरकार का हिस्सा है। इस कंपनी में हाल ही में कनिष्ठ अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता के पद से रिटायर हुए अफसरों को फिर से तैनाती दे दी गई है।
मोटी तनख्वाह के साथ इन्हें काम भी दे दिया गया है। सुनने में आ रहा है कि इस भर्ती के बारे में कंपनी ने कोई आवेदन तक नहीं मांगें। कंपनी का तर्क है कि निदेशक मंडल ने ही इसकी मंजूरी दी है। ये मंजूरी मजबूरी में देनी पड़ी है। कंपनी का कहना है कि इन पदों के लिए जलशक्ति विभाग से अधिकारी रखे जाने थे।
लेकिन विभाग कंपनी में अब अपने अधिकारी नहीं भेज रहा। मजबूरन अब अनुभवी लोग रखने के लिए रिटायर अधिकारियों का सहारा लेना पड़ रहा है। शिमला शहर को विश्वबैंक का करोड़ों रुपये का प्रोजेक्ट मिला है। इसे चलाने के लिए अधिकारी चाहिए।
कंपनी अनुभव के हिसाब से तो सही नियुक्तियां कर रही है, लेकिन यदि प्रदेश में पढ़े लिखे बेरोजगारों की बात की जाए तो यह उनके साथ धोखा है। युवा नौकरी का इंतजार कर रहे हैं तो दूसरी ओर रिटायर अफसर अब पेंशन के साथ तनख्वाह का भी आनंद लेंगे। कंपनी में कुल चार पदों पर ये नियुक्तियां हो चुकी है। कंपनी एमडी पंकज ललित ने मीडिया से की बात में बताया कि बीओडी की मंजूरी पर ही सभी नियुक्तियां नियमानुसार की गई है।