हिमाचल रेडर टीम, शिमला।

श्रीखंड की कहानी बड़ी ही रोचक है तभी तो हर कोई यहां जाना चाहता है। कहते हैं भस्मासुर राक्षस ने यहां तपस्या की और भगवान शिव से वरदान मांगा। वरदान यह था कि जिसके सिर पर भी वह अपना हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा।
मगर अहंकार में भस्मासुर भगवान शिव के ही पीछे पड़ गया। मजबूरन भोलेनाथ को इन पहाड़ की गुफाओं में छिपना पड़ा। राक्षस के डर से पार्वती यहां रो पड़ीं। कहते हैं कि उनके अश्रुओं से यहां नयनसरोवर का निर्माण हुआ।
इसकी एक एक धार यहां से 25 किमी नीचे भगवान शिव की गुफा निरमंड के देव ढांक तक गिरती है। बाद में भस्मासुर का वध किया गया। श्रीखंड यात्रा के दौरान लोग इस सरोवर पर जाना नहीं भूलते।
उन्होंने कुछ समय यहां बिताया। इसके साक्ष्य वहां भीम द्वारा बड़े-बड़े पत्थरों का काटकर रखना बताया जाता है। उन्होंने यहां एक राक्षस को मारा था, जो यहां आने वाले भक्तों को मार खाता था।