हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। विवाहित महिलाओं के लिए इस हफते बेहद जरूरी त्योहार आ रहा है। करवाचौथ एक ऐसा पर्व है जिसका हर विवाहित महिला को इंतजार रहता है। इसके लिए आजकल से ही तैयारियां शुरू हो चुकी है।
करवाचौथ पर इस बार शुक्र अस्त का प्रभाव है। ऐसे में नवविवाहित महिलाएं इस साल व्रत की शुरूआत न करें। जो महिलाएं व्रत का उद्यापन करवाना चाह रही हैं, वह भी शुभ नहीं है।
हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी से उठकर स्नान कर सोलह श्रृंगार करते हुए व्रत का संकल्प लेती हैं।
इस त्योहार पर सभी सुहागिन महिलाएं किसी एक जगह एकत्रित होकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं और रात को चांद के दीदार करते हुए उपवास तोड़ती हैं। इस बार शुक्र के अस्त होने के कारण सिर्फ वही सुहागिन व्रत कर सकती हैं, जो पहले से करवा चौथ का व्रत कर रही हैं।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त, इतने बजे निकलेगा चांद
इस बार पूजा का मुहूत शाम 4ः08 मिनट से लेकर 5ः50 बजे तक है। इस बार करवा चौथ की पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। लेकिन यह सबसे शुभ मुहूत है। यह मुहूर्त अमृतकाल है। करवा चौथ पर चांद का उदय रात 8ः09 बजे होगा।