हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। शिमला नगर निगम के वार्डाें का विवाद खत्म होने के बाद अब चुनाव के लिए सियासत गरमा गई है। शहर में अब 34 वार्डाें में ही चुनाव होंगे। हालांकि, भाजपा अभी भी सरकार के फैसले को गलत ठहरा रही है लेकिन पार्टी इस फैसले को अब शायद ही चुनौती देगी।
ऐसे में नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया फरवरी मार्च में शुरू हो सकती है। उधर, सरकार ने चुनाव को लेकर जो संकेत दिए हैं, उनके अनुसार अप्रैल में नगर निगम चुनाव करवाए जा सकते है। शहर में अब 34 वार्डाें के अनुसार मतदाता सूचियां तैयार होंगी।
क्योंकि इस बार भी नगर निगम शिमला के चुनाव 34 वार्डाें में ही होंगे, ऐसी स्थिति में आरक्षण रोस्टर में बदलाव होना तय है। आरक्षण रोस्टर में बदलाव होता है तो कई पूर्व पार्षदों का दोबारा चुनाव लड़ने का सपना टूट जाएगा।
माना जा रहा है कि जो वार्ड पहले ओपन थे, वे इस बार महिला के लिए आरक्षित हो जाएंगे। शहर में कसुम्पटी पंथाघाटी, रुल्दूभटठा, कैथू, टुटीकंडी, कच्चीघाटी, मज्याठ, टुटू, लोअर बाजार, रामबाजार, मल्याणा, लोअर ढली जैसे वार्ड ओपन थे। इस बार इनमें से ज्यादातर महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे।
वहीं, न्यू शिमला, पटयोग, कंगनाधार, विकासनगर, छोटा शिमला, सांगटी, जाखू, बैनमौर, संजौली, इंजनघर, अपर ढली, समिटी, कनलोग जैसे वार्ड जो अभी तक महिलाओं के लिए आरक्षित थे, वे इस बार वहां की जनसंख्या और अनुसूचित जाति जनसंख्या के आधार पर इस बार आरक्षित की श्रेणी से बाहर आ जाएंगे।
हालांकि, इनमें से जो वार्ड सामान्य महिला के लिए आरक्षित थे, वे इस बार आरक्षित वर्ग के लिए तय हो सकते है। इसके लिए जनसंख्या अनुपात का फैक्टर काम करेगा। वहीं, शहर के समरहिल, अपर ढली समेत कई वार्डाें में महिला मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में इन वार्डाें में फिर से महिला को ही मौका मिल सकता है।
हालांकि, अभी रोस्टर पर अंतिम फैसला निर्वाचन आयोग को करना है लेकिन राजनीति के विशेषज्ञ पिछले चुनावों के समीकरणों के साथ आगे का रोस्टर लगभग तय कर चुके है। वैसे आधिकारिक रोस्टर मार्च तक जारी होने की उम्मीद है।