हिमाचल रेडर न्यूज़ नेटवर्क। कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसमें जनता से कई वायदे किए गए हैं। मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एक लाख सरकारी नौकरियां देने का फैसला लिया जाएगा।
जयराम सरकार द्वारा राजनीति क आधार पर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के लिए किए गए सभी स्थानांतरण रद्द किए जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में सड़कें बनाने के लिए अभी ग्रामीणों को गिफ्ट-डीड बनाकर देना पड़ता है।
कांग्रेस की सरकार ग्रामीण सड़कों के लिए भू-अधिग्रहण कानून लागू कर भू-स्वामियों को चार गुना मुआवज़ा देने का प्रावधान करेगी। कांग्रेस सरकार महंगाई से निपटने के लिए लोगों की जेबों में पैसा डालने का कार्य करेगी।
कांग्रेस सरकार हिमाचल में युवा आयोग का गठन करेगी। प्रदेश भर में पारंपरिक खेलों का एक वार्षिक आयोजन किया जाएगा। प्रदेश में रिक्त पड़े सरकारी पद भी भर जाएंगे और युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।
प्रदेश में कुल पांच लाख युवाओं को रोजगार दिलवाया जाएगा। हर विधानसभा में 10 करोड़ रुपये यानी पूरे प्रदेश में 680 करोड़ रुपये के युवा स्टार्ट-अप फंड की स्थापना की जाएगी।
इससे अपना उद्योग या कारोबार स्थापित करने वाले युवाओं को शून्य प्रतिशत ब्याज पर धन उपलब्ध हो सकेगा। एक भर्ती विधान तैयार किया जाएगा जिसमें किसी नौकरी के लिए विज्ञापन जारी होने के छह महीनों के भीतर नियुक्तियां देना अनिवार्य बनाया जाएगा।
प्रदेश के निजी उद्योगों में 80 फीसदी हिमाचल के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने की नीति को प्रभावी रूप से लागू करवाया जाएगा। विभागों, निगमों, बोर्डों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अलग से नीति बनाई जाएगी।
सरकार के गठन के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करेंगे। कर्मचारियों को देय एरियर का निश्चित समयावधि में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक नई पारदर्शी नीति बनाई जाएगी।
संविदा या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित भर्ती में बोनस अंक देकर प्राथमिकता दी जाएगी। कर्मचारियों के वेतन, भतों की बढ़ोतरी व पदोन्नति को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पुलिस की समस्त कॉन्ट्रैक्ट नियुक्तियां आठ वर्ष की जगह दो वर्ष में नियमित की जाएंगीं।
पंजाब पैटर्न पर पेंशन व सुविधाएं दी जाएंगीं। मूल पेंशन में 5, 10 और 15 फीसदी भत्ते को शामिल करने की मांग को पूरा किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में करीबन 1.65 लाख पेंशनभोगी हैं उनकी कई अन्य मांगों पर पिछले पांच वर्षों में विचार नहीं किया गया।
कांग्रेस की सरकार कृषि एवं बागवानी आयोग का गठन करेगी जिसमें किसानों और बागवानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। किसानों और बागवानों की सलाह से यह आयोग फलों की कीमत तय करेगा।
आयोग की सलाह पर हर कैटेगरी के सेब के लिए एक न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा। इससे कम दाम पर किसी को भी सेब खरीदने पर रोक लगा दी जाएगी चाहे वह अडानी की कंपनी ही क्यों न हो। सोलन जिले में एक फूड प्रोसेसिगं पार्क बनाया जाएगा।
हर पशुपालक से हर दिन दस किलो दूध सरकार की ओर से खरीदा जाएगा। इससे पशुपालकों को प्रोत्साहन भी मिलेगा और आवारा पशुओं की समस्या भी कम होगी। पशुपालकों से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा।
इस गोबर से वर्मी कंपोस्ट में बदलने के लिए पंचायत के स्तर पर व्यवस्था बनाई जाएगी। पशु चारा के लिए विशेष अनुदान मिलेगा। प्रति घर में 4 गायों तक की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी