हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचल में मिशन रिपीट का दावा कर रही भाजपा की भी चुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ गई हैं। दावेदारों का नाम तय करने के लिए पार्टी ने रविवार को नया फार्मूला अपनाया। सभी चारों संसदीय सीटों पर विधानसभा के दावेदार तय करने के लिए पदाधिकारियों से मतदान करवाया गया।
इसी कड़ी में हमीरपुर की 17 सीटों के लिए भी बैठक बुलाई गई थी। लेकिन बैठक में जमकर हंगामा हो गया। सुबह 10:00 बजे जैसे ही बैठक शुरू हुई तो कुछ सदस्यों के नाम सूची से गायब थे। इस पर गुस्साए पदाधिकारियों ने हंगामा कर दिया।
इसी कड़ी में हमीरपुर की 17 सीटों के लिए भी बैठक बुलाई गई थी। लेकिन बैठक में जमकर हंगामा हो गया। सुबह 10:00 बजे जैसे ही बैठक शुरू हुई तो कुछ सदस्यों के नाम सूची से गायब थे। इस पर गुस्साए पदाधिकारियों ने हंगामा कर दिया। पूछा कि उनके नाम कहां है।
इसके बाद दोबारा सूची बनानी पड़ी। इसके बाद जब बैठक शुरू हुई तो मंच से एक पदाधिकारी ने कहा कि इस बैठक में केवल अपेक्षित लोग ही शामिल हो सकते हैं। बाकी लोगों को भेज दिया गया। महिला मोर्चा की जिला महामंत्री, मंडल की महामंत्री, प्रदेश पर्यटन प्रकोष्ठ की कनवीनर समेत दो दर्जन लोगों को बैठक से बाहर भेज दिया।
इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। पार्टी के पदाधिकारियों ने कहा कि जब वे बैठक में अपेक्षित नहीं हैं तो फोन करके क्यों बुलाया गया। बैठक से बाहर निकालने पर उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि बंद कमरे में बैठे चंद लोग कैसे पार्टी प्रत्याशियों का चयन कर सकते हैं। इसके लिए खुले मंच से पार्टी प्रत्याशियों का चयन होना चाहिए।
यह सारा काम गोपनीय किया गया। ये मतपेटियां पहले दिल्ली से शिमला लाई गईं। इसके बाद रविवार सुबह हेलिकाप्टर से इन्हें धर्मशाला, मंडी और हमीरपुर भेजा गया। चारों संसदीय क्षेत्रों के पार्टी मुख्यालयों में मतदान के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए गए। हर मतपेटी में औसत 47 पदाधिकारियों के वोट डलने प्रस्तावित थे।
मतदान के बाद मतपेटियां शिमला लाई गईं। मतों की गणना हो चुकी है, जिसे गोपनीय रखा गया है। अब सोमवार को दिल्ली में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में इस पर मंत्रणा होगी और उसकी रिपोर्ट बनाकर संसदीय बोर्ड को भेजी जाएगी।