हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। प्रदेश के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने के लिए कांग्रेस और भाजपा की मंशा लगभग साफ हो गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ कह दिया है कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन केंद्र सरकार के सहयोग के बिना नहीं दी जा सकती। इसका रास्ता ढूंढ रहे हैं।
कंडाघाट में प्रगतिशील हिमाचल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में पुरानी पेंशन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बंद की थी। उस समय एनपीएस लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना था। कांग्रेस आज वीरभद्र सिंह के नाम पर वोट मांग रही है तो फिर उनकी बात का मान क्यों नहीं रख रही।
पूछा कि कांग्रेस 2012 में सत्ता में रही तो ओल्ड पेंशन लागू क्यों नहीं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल आज काफी प्रगति कर चुका है। इसमें पूर्व की सरकारों और सभी मुख्यमंत्रियों का योगदान है। पहले हिमाचल काफी पिछड़ा था। मैंने खुद पांचवीं तक पढ़ाई चूल्हे या लालटेन की रोशनी में की। वर्ष 1975 तक गांव में बिजली नहीं थी।
पेंशन देने के लिए कांग्रेस ने बनाया है ये प्लान
उधर, कांग्रेस की ओर से पार्टी मुख्यालय में सोमवार को हुई प्रेसवार्ता के दौरान वरिष्ठ पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने बताया कि ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने के लिए उन्हें सिर्फ दस दिन चाहिए। चुनाव जीतने के दस दिन के भीतर यह स्कीम हिमाचल में लागू कर देंगे।
बताया कि एनपीएस के तहत जो पैसा केंद्र के पास जमा है, उसे राज्य सरकार वापस मांगेंगी। छतीसगढ और राजस्थान में भी ऐसा किया गया है। यह पैसा वापस मिलने पर राज्य सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को लाभ देगी।