बेटी है अनमोलः भावुक कर देगी अनाथालय की लैला से सबसे सफल कप्तान बनने की कहानी

हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। आखिर बेटी क्यों अनमोल कही जाती है, इसका उदाहरण सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रही एक खिलाड़ी की कहानी से साफ हो रहा हैँ। सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही यह लड़की ‌हमारे भारत में पैदा हुई थी। आइए हम आपको पूरी कहानी बताते हैं।

महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक अनाथालय है, जिसे ‘श्रीवास्तव अनाथालय’ कहा जाता है।  13 अगस्त 1979 को इस बच्ची का जन्म हुआ। बताते हैं कि माता पिता इसे पालने में असमर्थ थे। इसीलिए इसे अनाथालय में छोड़ दिया। अनाथालय में इसकी परवरिश शुरू हुई और इसका नाम लैला रख दिया।

इन्हीं दिनों अमेरिकी दंपति हरेन और सू भारत दौरे पर थे। यह निसंतान दंपति लड़के को गोद लेने के लिए घूम रहे थे। लेकिन जब नहीं मिला तो वापसी की तैयारी कर ली। इसी दौरान ये इस अनाथालय में भी गए। 

यहां इनका परिचय भूरी आंखों वाली लैला से करवाया गया। दंपति को यह अच्छी लगी और इससे प्यार हो गया। इसे गोद लेने के बाद इसका नाम लिज रख दिया। यह दंपत्ति आस्ट्रेलिया के सिडनी में जाकर बस गया। यही लिज बड़ी होकर लिजा स्टालकर बन गई। पिता से क्रिकेट की बारीकियां सीखने के बाद इसका चयन न्यू-साउथ वेल्स टीम के लिए हुआ। यहां आलराउंड प्रदर्शन का इनाम मिला और इसे आस्ट्रेलिया की टीम के लिए चुन लिया गया। 

इसके बाद लिजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह चंद महीनों में ही वनडे में 1000 रन और 100 विकेट लेने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गई। वह दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर भी बन गई। चार टी ट्वेंटी विश्वकप में टीम की अगुवाई की।  2013 में इनकी कप्तानी में टीम ने क्रिकेट विश्व कप जीता, उसके अगले दिन इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।

अब  इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने लीजा स्टालगर को अपने हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *