पंचायत प्रधान का कारनामा, बेटे की नौकरी के लिए दे दिया फर्जी प्रमाण पत्र, मिली ये सजा

हिमाचल रेडर न्यूज़ नेटवर्क। हाईकोर्ट में बेटे को नौकरी लगाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। कांगड़ा जिले की ग्राम पंचायत नंगल चौक के प्रधान ने नियमों को दरकिनार कर बेटे को आईआरडीपी प्रमाण पत्र जारी किया था।

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने झूठे प्रमाण पत्र के आधार पर हासिल की गई नौकरी को रद्द करने के आदेश दिए हैं।

खंडपीठ ने पंचायती राज विभाग के निदेशक को आदेश दिए हैं कि वह फर्जी आईआरडीपी प्रमाण पत्र को तुरंत प्रभाव से रद्द करे। अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि फर्जी आईआरडीपी प्रमाण पत्र को जारी करने वाला व्यक्ति अब संबंधित पंचायत के प्रधान पद पर नहीं है, अन्यथा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के आदेश पारित किए जा सकते थे।

डाडासीबा निवासी गुरदास राम की याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने यह आदेश पारित किए हैं।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि जिस समय प्रकाश चंद ग्राम पंचायत नंगल चौक का प्रधान था, उस समय उसने अपने बेटे के नाम फर्जी आईआरडीपी प्रमाण पत्र जारी किया था। इस प्रमाण पत्र के आधार पर मनीश धीमान का चयन वर्ष 2017 में टीजीटी के पद पर हुआ था।

याचिकाकर्ता ने इस मामले की शिकायत प्रशासन के समक्ष की थी। उचित कार्रवाई न करने के कारण याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

मामले का निपटारा करते हुए खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि पंचायत के लिए निर्वाचित व्यक्ति को निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। प्रतिवादी को जारी किया गया प्रमाण पत्र निर्धारित प्रक्रिया के विपरीत है।

इसके आधार पर हासिल की गई उसकी नियुक्ति कानून की नजर में कोई नियुक्ति नहीं है। वह पद पर अधिकार का दावा नहीं कर सकता।

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