SHIMLA: बारिश के बाद भी दरका पहाड़, कई घरों को खतरा 

शिमला में भारी बारिश के दूसरे दिन भी पहाड़ दरकने का सिलसिला जारी है। अब ढली के मशोबरा इलाके में चार मंजिला भवन भूस्खलन से दरक गया है।

यह घटना वीरवार की है। भवन की धरातल मंजिल धंस गई है। बड़ी बड़ी दरारें आने के बाद इसे खाली करना पड़ा है। सूचना के अनुसार यह भवन आशा वर्मा का है।

इसमें सात परिवारों के 24 लोग रहे रहे हैं। इसके साथ बने दो अन्य आवासीय मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। शुरुआती जांच के अनुसार इस भवन के नीचे दो भू मालिक सड़क का निर्माण कर रहे हैं।

इससे निर्माणाधीन सड़क से सटे एक अन्य व्यक्ति की घासनी में भूस्खलन हो गया। जिसकी जद में भवन आ गया। सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रभावितों को सुरक्षित जगह पहुंचाया।

मकान गिरने की कगार पर है और कभी भी ढह सकता है। लोगों के मुताबिक भवन के नीचे जेसीबी मशीन खुदाई कर रही थी इस वजह से भूस्खलन हुआ है। गुरुवार दोपहर करीब 1:00 बजे आशा शर्मा के भवन के सामने भारी भूस्खलन हो गया। 

इससे मकान की स्पोर्टिंग वॉल गिर गई। मकान में दरारें भी आई हैं। इससे साथ में लगते बसंत काटेज और मुन्ना लाल भवन को भी खतरा पैदा हो गया है।

इन दोनों भवनों में भी 13 परिवारों के 35 लोग रहते हैं। लोगों ने नगर निगम के पूर्व उपमहापौर शैलेंद्र चौहान को इस घटना की सूचना दी।

नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान ने कहा कि 30 सालों से प्रभावित परिवार मशोबरा में रह रहे हैं। भूस्खलन से आशा शर्मा के भवन को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसके आसपास स्थित तीन मकानों में करीब 120 लोग रहते हैं।

बिल्डर की लापरवाही से भवनों को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन बिल्डर को आदेश जारी करे कि वह प्रभावित लोगों को मकान बना कर दें। प्रभावित लोगों को प्रशासन की ओर से भी तुरंत मुआवजा दिया जाना चाहिए।

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