हिमाचल रेडर टीम, शिमला।
राशन डिपो में लगी लंबी लंबी लाइनों में लगकर अपना और परिवार के बाकी लोगों का अंगूठा या ऊंगलियों के निशान लगाकर केवाईसी अपडेट करवाने को मजबूर हो रहे प्रदेशवासियों को फिलहाल राहत मिली है। प्रदेश हाईकोर्ट ने यह राहत दी है।
प्रदेश हाईकोर्ट ने डिपो संचालकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए आगामी आदेश तक राशनकार्ड धारकों की केवाईसी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सबिना और न्यायाधीश सतेन वैद्य की अदालत के इस फैसले से सूबे के 5,044 राशन डिपो धारकों और जनता को राहत मिली है।
केवाईसी कार्य के दौरान राशन वितरण कार्य प्रभावित होने का हवाला देते हुए डिपो संचालक समिति के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कवि ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
समिति का कहना है कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा डिपो संचालकों से केवाईसी प्रमाणीकरण करवाने के लिए करीब एक माह से अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है, जिसके चलते डिपो संचालक परेशान हैं।
प्रमाणीकरण प्रक्रिया से राशन वितरण का कार्य प्रभावित हो रहा है। विभाग की ओर से डिपो संचालकों को दी गई मशीनों (प्वाइंट ऑफ सेल) में डाली गईं सिम लंबे अरसे से बंद होने के कारण मशीनें सफेद हाथी बनकर रह गई हैं।
मशीनों में कनेक्टिविटी न होने से प्रदेश के डिपो संचालकों के साथ-साथ प्रदेश की जनता भी परेशान है। प्रदेश डिपो संचालक समिति ने वरिष्ठ अधिवक्ता अजय शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट के फैसले पर समिति के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इससे डिपो संचालकों और प्रदेश की जनता को राहत मिली है।