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हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचल के नए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कॉलेज के दिनों में रोज सुबह छोटा शिमला बाजार में दूध और अखबार बेचते थे। इसके बाद कॉलेज जाते और हमेशा अपने परिवार की मदद करते।
छात्र राजनीति में अव्वल रहने के बाद सुक्खू ने शिमला नगर निगम में पार्षद का पहला चुनाव लड़ा। वो जीते और एक बार नहीं बल्कि दो बार। इस दौरान पीसीओ भी चलाया। यह पीसीओ छोटा शिमला बाजार में बाबूराम मार्केट में लगाया गया था। कई साल पीसीओ चलाया।
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परिवार पहले कसुम्पटी में रहता था, बाद में छोटा शिमला शिफ्ट हो गया। सुक्खू के साथी रहे पार्षदों ने बताया कि सुखविंद्र सिंह ने आम आदमी का जीवन जीया है। ऐसे में उन्हें पता है कि आम जनता की क्या परेशानियां रहती हैं। उन्होंने बताया कि सुक्खू काफी संघर्षशील और मेहनती हैं। प्रदेश को उनके सीएम बनने से फायदा होगा।
राजनीतिक जीवन पर नजर डालें तो सुक्खू ने साल 1992 में नगर निगम शिमला में पार्षद पद पर अपना पहला चुनाव लड़ा था। यह चुनाव छोटा शिमला वार्ड से लड़ा गया। अपने पहले ही चुनाव में सुक्खू ने जीत हासिल की और नगर निगम सदन का हिस्सा बने।
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सदन में भी सुक्खू काफी सक्रिय रहते थे और अपने वार्ड की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते थे। साथी पार्षदों के साथ उनका अच्छा मेल मिलाप रहता था। साल 1997 में दूसरी बार छोटा शिमला वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ा और फिर बड़े अंतर से जीत हासिल की।
इसके बाद सुक्खू विधायक पद के लिए उम्मीदवार बने। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। चुनाव जीतते गए और पार्टी में अपना कद उंचा करते गए। बिना मंत्री बने ही सुक्खू अब पार्टी में इतने ताकतवर थे कि खुद को सबसे बड़े पद पर पहुंचा गए।
इनके साथ सबसे ज्यादा विधायकों का समर्थन है। अब प्रदेश की जनता को उम्मीद है कि आम आदमी से शुरू हुआ सुक्खू का सफर उन्हें कामयाबी की बुलंदी पर तो ले गया है, लेकिन क्या वह आम आदमी की परेशानियां दूर करेंगे। ज्यादातर को उम्मीद है कि वह आम आदमी की भावनाएं समझेंगे और उन्हें आगे भी जनता का प्यार इसी तरह मिलता रहेगा।