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हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। बढ़ते यातायात जाम के बीच ड्रोन किस तरह अब लोगों की मदद कर सकता है, इसका एक ताजा उदाहरण शुक्रवार को जिला मंडी में सामने आया। यहां राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बालीचौकी में जिला के क्षेत्रीय अस्पताल मंडी से दवाइयों को लेकर एक ड्रोन भेजा गया।
इस ड्रोन में क्षेत्रीय अस्पताल से 5 किलो वजनी दवाइयां भेजी गई थी। स्कूल परिसर में आते देख स्टाफ, शिक्षक और बच्चे काफी उत्सुक थे। यह ड्रोन लैपटॉप के माध्यम से चलाया जाता है। दावा किया गया है कि इसमें 10 किलो तक का वजन ले जाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार इसका बजन करीब 30 से 35 किलो है। इसमें चार बैटरियां लगी है। लागत करीब 8 लाख रुपये है। बताया गया है कि यह ड्रोन 28 मिनट में मंडी से बालीचौकी दवाईयां लेकर पंहुचा था। यह एक सफल प्रयोग रहा। गाड़ी से यह दवाईयां भेजने में घंटों लग जाते है।
यदि किसी मरीज को एमरजेंसी में कोई दवाई चाहिए या रक्त की जरूरत हो तो यह तकनीक बेहद फायदेमंद हो सकती है। स्कूल प्रिंसिपल जीवानंद चौहान ने कहा कि आज के दौर में यह तकनीक बेहद कारगर साबित हो सकती है।
इससे लोगों को बेहद जरूरी सामान समय पर मिल सकेगा। कहा कि कभी ऐसा सोचा नहीं था कि ऐसी कोई तकनीक आएगी जिसमें बिना आदमी के सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकेगा।
(सिटीजन रिपोर्टर के फेसबुक वॉल से)