हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचल के लोग भी अब चिड़ियाघरों और रेस्क्यू सेंटरों में बंद जानवरों को गोद ले सकेंगे। वन्यजीव विभाग ने यह योजना शुरू कर दी है। लोग अपनी पसंद के किसी भी जानवर को गोद ले सकते है।
रविवार को विभाग ने इस योजना को लांच किया है। शेर, तेंदुआ और भालू गोद लेने के लिए एक साल का दो लाख रुपये खर्च देना होगा। लव बर्ड, फीजेंट या जाजुराना गोद लेने का शुल्क 12 हजार रुपये रखा गया है।
घोरल, बारकिंग डीयर का शुल्क 50 हजा रुपये है। विभाग के अनुसार जो व्यक्ति जिस जानवर को गोद लेगा, उस जानवर के पिंजरे के बाहर उस व्यक्ति के नाम वाला बोर्ड लगाया जाएगा। यह व्यक्ति कभी भी चिड़ियाघर में जाकर अपने गोद लिए जानवर को देख सकता है।
गोद लेने की प्रक्रिया के लिए सबसे पहले वन विभाग के पास आवेदन करना होगा। शुल्क जमा करने पर गोद लेने की प्रक्रिया पूरी होगी। यह जानवर चिड़ियाघर में ही रहेगा। सिर्फ उसके पालन पोषण का खर्च संबंधित व्यक्ति उठाएगा।
अभी तक वन विभाग ही इनके पालन पोषण का खर्च उठाता है। डीएफओ अनिता भारद्वाज के अनुसार इस योजना को लांच कर दिया गया है। लोग इस योजना से जुड़ सकते हैं।