हिमाचल रेडर न्यूज़ नेटवर्क। हिमाचल प्रदेश सचिवालय में तैनात एक वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी ने एक वरिष्ठ अफसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महिला अधिकारी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर शिकायत की है।
कहा है कि मुख्यमंत्री के सलाहकारों ने उन्हें पूरी तरह गुमराह किया है और मेरे पद का मजाक बनाकर रख दिया गया है। प्रशासन द्वारा बेहद कठोर, असंवेदनशील और अयोग्य रवैया अपनाया गया है।
यहां से यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासनिक ताकत के जरिये बेहद नीच रवैया और दिमाग की कमी को दर्शाया जा रहा है।
अधिकारी ने 14 जुलाई 2022 का जिक्र करते हुए कहा कि मुझसे जूनियर अफसर को एक बड़े पद पर तैनात कर दिया। इसके पीछे भी सरकार की ओर से कोई ठोस कारण नहीं बताए गए।
इसके बावजूद मैं अपनी डयूटी पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ करती रही। इस समय प्रदेश में आम जनमानस स्वयं सहायता समूह, पशुपालन, वानिकी, नशीले पदार्थों का सेवन आदि तमाम बड़ी समस्याओं से जूझ रहा है तब भी मैंने इन सबके समाधान के लिए सकारात्मक रुख अपनाया।
लिखा की कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन को अधिसूचित नहीं किया गया है। कोई प्रशासनिक पदानुक्रम या विभागों का हवाला नहीं दिया गया है जो मुझे रिपोर्ट करेंगे। किसी भी प्रकार का कोई संस्थागत समर्थन अधिसूचित नहीं किया गया है।
मुझे आपत्ति है कि एक जूनियर अधिकारी की समझ जिसे बड़े पद पर नियुक्त किया गया है, मेरी तुलना में बेहद कम है। वे मुझसे जुड़े सरकारी मामलों पर सीएम, मंत्री को सलाह नहीं दे सकते। वह मेरे मामलों में किस आधार पर हस्तक्षेप कर रहे हैं।
ऐसा लगता है कि वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था महिला अधिकारियों और आम महिलाओं के हितों के लिए बिल्कुल भी नहीं है। आईएएस एसोसिएशन का प्रेसीडेंट होने के नाते मेरे पास ऐसी बहुत सी आईएएस और एचएस महिला अधिकारी अपनी समस्याएं लेकर आती हैं जिनके साथ अन्याय हो रहा है।
मैंने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए भरसक प्रयास किए हैं। यदि महिलाओं के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया और न्याय नहीं है तो महिला अधिकारी और आम महिलाएं कहां जाएं? बाकि फैसला मैं मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ती हूं।