हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचपल के कुल्लू की लगघाटी के भालठी नारायण मंदिर में खुदाई के दौरान 16वीं शताब्दी की एक मूर्ति मिली है।
मंदिर के परिसर में देवता भालठी नारायण की यह मूर्ति खुदाई के दौरान मिली है। बताया जा रहा है कि इस मंदिर में इस साल काहिका उत्सव का आयोजन होना है। इसके लिए रिटेनिंग वॉल और मैदान बनाने का काम चल रहा था।
बताया जा रहा है कि इस तरह की मूर्ति धार्मिक नगरी मणिकर्ण में है जो सोलहवीं सदी की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि देवता की यह मूर्ति 16वीं सदी है।
भालठी नारायण की इस मूर्ति इस साल काहिका से पूर्व मिलने को हारियान चमत्कार मान रहे हैं। मंदिर प्रांगण से निकली मूर्ति बेहद आकर्षक है। इसे देखने के लिए अब श्रद्धालुओं में काफी उत्सुकता है।
देवभूमि कुल्लू में देवी देवताओं के सैकड़ों मंदिर हैं। इन मंदिरों में आसपास खुदाई के दौरान मूर्तियां भी मिलती हैं। करीब दो महीने पहले खराहल घाटी के तहत आने वाले नेउली में भी देवता ज्वाणी महादेव मंदिर के परिसर में प्राचीन मूर्ति मिली थी।
देवता भालठी नारायण के कारदार चमन ठाकुर ने कहा कि देवता भालठी नारायण के प्रांगण में खुदाई के दौरान एक प्राचीन मूर्ति मिली है जो इस साल होने वाले काहिका के लिए शुभ संकेत है।
कहा कि मूर्ति 16वीं शताब्दी के आसपास की है। उन्होंने कहा कि देवता के प्रांगण में मिली मूर्ति की अब देवविधि के साथ प्रतिष्ठा की जाएगी।