हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। देश की सबसे पुरानी नगर निगमों में शामिल नगर निगम शिमला के चुनाव दो मई को होने जा रहे हैं। इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। प्रदेश में अब कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में यह मुकाबला और भी रोचक हो गया है। लेकिन इन सबके बीच एक पार्षद की बगावत से पार्टियां परेशान है।
दरअसल सभी 34 वार्डाें का रोस्टर इस बार नगर निगम चुनाव में बदला गया है। भाजपा ने सर्वे के बाद 34 वार्डाें से अपने नए उम्मीदवार तय किए। इनमें सात निवर्तमान महिला पार्षदों को फिर चुनाव मैदान में उतारा गया है। पार्टी ने अपना घोषणापत्र भी जारी कर दिया है जिसके बाद आसानी से बहुमत हासिल करने का दावा है।
हालांकि, पार्टी ने इंजनघर वार्ड से इस बार नए चेहरे पर दाव खेला है। यहां पार्टी की निवर्तमान पार्षद आरती चौहान भी टिकट की दावेदार थी लेकिन अनारक्षित वार्ड होने के कारण उनका टिकट कट गया। इसके बाद से आरती बगावत पर है।
आरती अब निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इसके चलते यहां अब तिकोना मुकाबला हो गया है। आरती चौहान साल 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ी थी। इंजनघर वार्ड के इतिहास में पहली बार आरती ने भाजपा के लिए सीट जीती थी।
इसके बाद सदन में भी अपने आक्रामक रुख के लिए आरती चर्चा में आई। शिमला शहर में पानी सस्ता करना हो या फिर काम न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलना, आरती कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करती नजर आई।
सदन में सौ फीसदी हाजिरी और कोरोनाकाल में अपना घर कोविड सेंटर को देने की पहल करने वाली आरती इस बार फिर मैदान में है। भाजपा ने उन्हें पार्टी कार्यालय बुलाकर समझाने का प्रयास भी किया लेकिन आरती का तर्क था कि जब सात अन्य वार्डाें में महिलाओं का टिकट नहीं काटा गया तो फिर उनका टिकट क्यों कट गया।
पार्टी के समझाने पर आरती नहीं मानी और इस बार निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गई। बताया जा रहा है कि कुछ पार्टियों ने भी उन्हें टिकट ऑफर की थी लेकिन आरती ने आजाद उम्मीदवार ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया। इससे वार्ड में समीकरण बदल गए है। इस वार्ड से कुल चार उम्मीदवार मैदान में है। कांग्रेस और भाजपा के अलावा आप उम्मीदवार भी कड़ी चुनौती पेश कर रहे है। अब देखना है कि इनमें बाजी कौन मारता है।
पूर्व मेयर सोहनलाल भी मैदान में
कृष्णानगर वार्ड से पूर्व मेयर सोहनलाल भी निर्दलीय चुनाव मैदान में है। इस वार्ड से कुल 6 उम्मीदवार मैदान में है। कांग्रेस के मेयर रहे सोहनलाल को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया। जिसके बाद उन्होंने भी बगावत कर दी है।