हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। सरकारी स्कूलों में तैनात 25000 जेबीटी और 18000 सीएंडवी शिक्षकों का सेवाकाल में सिर्फ एक बार अंतर जिला स्थानांतरण करने पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है।
पूर्व जयराम सरकार के समय 20 नवंबर 2021 को लिए फैसले को बदलने से हजारों शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में तबादलों के आवेदन आने के चलते फिलहाल रोक लगाई गई है।
आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री से मंजूरी लेने के बाद इस बाबत फैसला लिया जाएगा। नवंबर 2021 में स्थानांतरण नीति अधिसूचित करते हुए शिक्षकों की दोनों श्रेणियों की जिलावार कैडर संख्या का सिर्फ पांच प्रतिशत स्थानांतरण एक वर्ष के दौरान करने को मंजूरी दी गई थी।
अनुबंध सेवाकाल को जोड़कर पांच वर्ष सेवा पूरी करने वाले शिक्षक इसके लिए पात्र बनाए गए थे। शादी होने पर जिला बदलने की सूरत में महिला अध्यापकों को न्यूनतम सेवाकाल की शर्त से छूट दी थी। बता दें कि इन शिक्षकों के पहले 13 वर्ष का सेवाकाल पूरा होने पर दूसरे जिलों में तबादले होते थे। पूर्व की भाजपा सरकार ने इस अवधि को पांच वर्ष किया था।
इसके अलावा जेबीटी और सीएंडवी संवर्ग के 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले अध्यापकों को एक से दूसरे जिले में स्थानांतरण नीति में कोई न्यूनतम समय अवधि निर्धारित नहीं की थी।
विशेष परिस्थितियों में पांच वर्ष से कम सेवाकाल के शिक्षकों के मामलों में केवल चिकित्सा आधार पर छूट देने का फैसला हुआ था। अंतर जिला नीति के तहत स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों को प्रार्थना पत्र संबंधित जिले के प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक के कार्यालय में जमा करवाने को कहा था। अब इन शिक्षकों के तबादलों के भारी संख्या में आवेदन आए हैं। ऐसे में सरकार ने शैक्षणिक गतिविधियां सुचारु चलाने के लिए पूर्व के आदेशों पर रोक लगा दी है।