शिमला जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक आज यहां बचत भवन में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष चन्द्र प्रभा नेगी ने की।
उन्होंने अपने संबोधन में 15वें वित्त आयोग द्वारा पारित शैल्फों पर विस्तृत चर्चा की और सदस्यों के सुझाव आमंत्रित किए।
जिला परिषद अध्यक्ष ने सराहन वार्ड में ज्यूरी स्थान में अग्निशमन केन्द्र खोलने का मामला उठाया, जिससे दुर्गम क्षेत्र 15/20 में हो रहे निरन्तर आगजनी की घटनाओं से लोगों को राहत मिल सके।
उन्होंने रामपुर क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरने का मामला शिक्षा विभाग से उठाया और हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को नियमित रूप से चलाने की मांग की।
जरोल वार्ड के सदस्य सुभाष कैंथला ने नारकंडा विकास खण्ड की पंचायतों को लूहरी प्रोजेक्ट चरण-1 के प्रभावित क्षेत्रों में जोड़ने की मांग उठाई।
उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य के द्वारा पर्यावरण के विपरीत प्रभावों से लोगों की सेब, बादाम, नाशपती की फसलों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है, जिसकी भरपाई सतलुज जल विद्युत निगम के प्रबंधन को करनी चाहिए, ताकि बागवानों को उचित न्याय मिल सके।
जिला परिषद उपाध्यक्ष सुरेन्द्र रेटका ने पब्बर नदी में हो रहे अवैध खनन का मामला उठाया तथा पुलिस विभाग से उचित कार्यवाही की मांग की और रोहडू नागरिक अस्पताल की दयनीय स्थिति पर विस्तृत चर्चा की।
चौपाल विधानसभा क्षेत्र की सदस्य नीमा जस्टा ने क्षेत्र के विभिन्न रमणीय स्थानों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का मामला उठाया और बताया कि क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के अभाव से पर्यटन मानचित्र पर क्षेत्र उभर नहीं पा रहा है।
सदस्यों ने एंटी हेलगन मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की और बागवानी आर्थिकी के संदर्भ में वर्तमान राज्य सरकार से सहयोग की अपील की। सरस्वती नगर वार्ड के सदस्य कौशल मुंगटा ने सार्वजनिक पुस्तकालय खोलने का मुद्दा उठाया और आगामी सेब सीजन में बागवानों को आ रही दिक्कतों पर सदन को अवगत करवाया।
अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह ने बैठक का संचालन किया और सदस्यों से सीधा संवाद स्थापित किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक डाॅ. मोनिका भटुंगरू ने विभाग द्वारा नशा निवारण कार्यक्रमों पर जानकारी प्रदान की और अभिभावकों से सहयोग की अपील की, ताकि युवा पीढ़ी को नशे के दल-दल से बचाया जा सके। इस अवसर पर जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा तथा अन्य अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित थे।