हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचल के लाखों बागवानों के लिए राहत भरी खबर आई है। इनकी सालों पुरानी मांग आखिरकार पूरी हो गई है। केंद्र सरकार ने सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये प्रतिकिलो तय किया है।
इससे विदेश से आने वाला सेब महंगा हो जाएगा जिससे हिमाचली सेब को अच्छे दाम मिलेंगें। पहले विदेशी सेब सस्ता होने के कारण हिमाचली सेब को खरीदार नहीं मिलते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। देश के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र ने आयात नीति में संशोधन कर 50 रुपये न्यूनतम आयात मूल्य पेश किया है।
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और संजय चौहान ने बताया कि विदेशी सेब के कारण हिमाचल के सेब उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था। ईरान का सेब भारत में औसतन 20 से 25 रुपये के दाम पर आयात होता था।
अब तक इस पर 50 फीसदी आयात शुल्क लगता था। 20 रुपये पर 10 रुपये आयात शुल्क जोड़कर 30 रुपये प्रतिकिलो दाम पर विदेशी सेब बाजारों में पहुंचता था।
अब प्रतिकिलो न्यूनतम 50 रुपये आयात मूल्य तय किया गया है। इससे 20 से 25 रुपये में आयात होने वाले सेब की कीमत 70 से 75 रुपये हो जाएगी। भूटान से सेब आयात को छूट दी गई है लेकिन इससे अधिक नुकसान नहीं होगा क्योंकि भूटान से निर्यात बेहद महंगा है।
भूटान में सेब उत्पादन कम होने से सर्टिफिकेट ऑफ ओरेजन भी प्राप्त नहीं होगा। साफ्ता के जरिये सेब के अवैध आयात पर भी इस फैसले से रोक लगेगी। भारी मात्रा में ईरान का सेब अफगानिस्तान के नाम पर पाकिस्तान होते हुए बिना आयात शुल्क भारत पहुंचता था।