कुल्लू में छह साल के मासूम को उठा ले गया तेंदुआ, जंगल में क्षत-विक्षत मिला शव

हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क।  हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले दलाश क्षेत्र की बखनाओं पंचायत के एक घर के आंगन में खेल रहे बच्चे को तेंदुआ उठाकर ले गया। मामला बीती रात का बताया जा रहा है। इसके बाद परिजन व ग्रामीण पूरी रात बच्चे को साथ लगते जंगल में खोजते रहे। सुबह बच्चे का क्षत-विक्षत शव जंगल से बरामद हुआ है। 

जानकारी के अनुसार बखनाओं पंचायत के काथला गांव में सोमवार देर शाम 8:00 बजे घर के आंगन में खेल रहे छह साल के बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया। काथला गांव के निवासी देवेंद्र कुमार और उनकी पत्नी रसोईघर में खाना बना रहे थे। रसोईघर घर  मकान से थोड़ी दूरी पर स्थित है। मां ने बेटे व बेटी को खाना खाने के लिए आवाज लगाई।

बेटी तो रसोईघर में पंहुच गई लेकिन बेटा नहीं आया। इस दौरान मां ने बाहर बेटे के रोने की आवाज सुनी। साथ तेंदुए के गुर्राने की आवाज भी सुनाई दी। मां तुरंत बाहर निकली तो देखा कि बेटा वहां नहीं था। जबकि बेटे को पहनाया गया पयजामा घर के आंगन में पड़ा था। घर से करीब 150 मीटर की दूरी पर कुछ खून के धब्बे भी मिले।

इसके बाद बच्चे को खोजने के लिए अभियान शुरू किया गया। जंगल में पूरी रात ग्रामीण बच्चे को ढूंढते रहे। मंगलवार सुबह करीब 11:00 बजे घर से करीब 600 मीटर की दूरी पर बच्चे का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया। घटना के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है। 

 डीएफओ लूहरी चमन लाल राव ने बताया कि तेंदुए के हमले की सूचना मिलते ही तुरंत वन विभाग के बचाव दल को मौके पर भेजा गया। कहा कि ग्रामीणों की मदद से बच्चे के शव बरामद कर लिया है। वन विभाग की ओर से परिजनों को मौके पर फौरी राहत के तौर पर 50 हजार रुपये दिए गए हैं। 

उधर, एसडीएम आनी नरेश वर्मा का कहना है कि वन विभाग को क्षेत्र में ऐसी जगह पर पिंजरे लगाने के निर्देश दिए जाएंगे। वनों में गश्त बढ़ाने को भी कहा जाएगा ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके। 
वहीं, विधायक आनी लोकेंद्र कुमार ने इस घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जंगल के नजदीक मकानों के लिए सोलर लाइटें मुहैया करवाई जाए ताकि घरों के बाहर जंगली जानवरों पर नजर रखी जा सके। 

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