हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। हिमाचल में जलशक्ति विभाग से आउटसोर्स कर्मचारियों को अब बाहर किया जा रहा है। 31 मार्च के बाद से अब तक कई कर्मचारियों की नौकरी जा चुकी है। अब मंडी के बग्गी के पार्टटाइम पर रखे सभी कर्मचारियों को विभाग ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
ये कर्मचारी 31 मार्च से बेरोजगार हो गए हैं तथा उन्हें अब अपना परिवार चलाने के लिए कोई सहारा नहीं मिल रहा है। ये सभी शिमला क्लीनवेज कंपनी के तहत कार्य कर रहे थे। हिमाचल में इस तरह के 2200 कर्मचारी इस कंपनी के तहत कार्यरत थे, जिन्हें 31 मार्च के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
इन कर्मचारियों का कहना है कि उनका सपना था कि वह जल्द ही पक्के होंगे, लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उधर, विभाग का कहना है कि पूरे हिमाचल में 30 मार्च के बाद इन कर्मचारियों को एक्सटेंशन नहीं दी गई है और किसी भी कर्मचारी को नहीं रखा गया है।
वहीं, प्रदेशभर में 8 से 10 घंटे ड्यूटी देने के लिए मल्टीपर्पस वर्कर मजबूर हैं। इन्हें छह घंटे की नौकरी कहकर रखा गया था। लेकिन इसके बावजूद इन कर्मचारियों को नाममात्र वेतनमान 4400 रुपये ही मिल रहा है।
इससे इन कर्मचारियों को अपने परिवारों का भरण पोषण करने में परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। मल्टीपर्पस वर्करों ने अन्य विभागों में अनुबंध कर्मचारियों की तरह ही मासिक वेतनमान देने और नियमित करने की मांग उठाई है।