हिमाचल रेडर न्यूज़ नेटवर्क। प्रदेश के मैदानी इलाकों में इस बार सर्दियों में बारिश ना के बराबर हुई है। वहीं ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फबारी ना होने से सेब की फसल पर संकट मंडरा गया है।
शिमला, सोलन, सिरमौर, कुल्लू समेत प्रदेश के कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी ना होने के कारण सेब के बगीचे और आने वाली फसलों पर सूखे का संकट मंडरा गया है।
इस दशक में यह पहला ऐसा मौका है, जब बिना बर्फबारी के ही दिसंबर के बाद जनवरी का महीना भी बीत गया। मौसम विभाग की मानें तो अगले 3 दिन तक फिलहाल बारिश या बर्फबारी के कोई आसार नहीं है।
विभाग ने 19 फरवरी से बारिश का पूर्वानुमान लगाया है लेकिन पिछले कई पूर्वानुमान फेल ही साबित हुए हैं। ऐसे में अब यदि बारिश नहीं होती है तो किसानों और बागवानों को भारी संकट से जूझना पड़ेगा।
पेयजल परियोजना और सिंचाई योजनाओं में पहले ही जलस्तर घट चुका है। यदि फरवरी के आखिरी हफ्ते तक बारिश नहीं होती है तो हिमाचल में इस बार गर्मी के मौसम की दस्तक भी जल्दी ही हो जाएगी।
प्रदेश में अभी से तापमान चढ़ना शुरू हो गया है। अब हालात बर्फबारी के नहीं बन रहे। किसान और बागवान चिंता में है कि आखिर बारिश कब होगी।
कम बारिश और बर्फबारी से इस बार पौधों में फलों के ड्रॉपिंग की समस्या बढ़ सकती हैं । मार्च अप्रैल में ओलावृष्टि की संभावना भी ज्यादा ही रहेगी।
बुधवार को बिलासपुर में अधिकतम तापमान 30, धर्मशाला में 26 और शिमला में 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। न्यूनतम तापमान भी बढ़ना शुरू हो गया है।
उच्च पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों के न्यूनतम तापमान में सुधार आया है। महाशिवरात्रि तक प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है।
19 व 20 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मध्य और उच्च पर्वतीय आठ जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बुधवार को धूप खिली रही।