हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। प्रदेश हाईकोर्ट ने पति और पत्नी को एक ही स्थान पर तैनाती न देने पर कड़ा रुख अपनाया है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने शिक्षा निदेशक को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ता पत्नी को पति की तैनाती वाले स्थान पर समायोजित करें।
अदालत ने 10 फरवरी तक अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट तलब की है। सिरमौर की सुरेखा चौहान और उनका पति दोनों ही शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात हैं। याचिकाकर्ता पत्नी राजकीय प्राथमिक पाठशाला नगेथा में केंद्रीय मुख्य शिक्षक के पद पर कार्यरत है।
उनके पति 40 किलोमीटर दूर राजकीय महाविद्यालय में कार्यरत हैं। आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता ने स्थानांतरण नीति में विभाग को एक ही स्थान पर समायोजित करने के लिए आवेदन किया है। शिक्षा विभाग ने अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया है।
अदालत को बताया गया कि 31 जनवरी 2023 को रिक्त होने वाले पद पर उसे तैनाती दी जा सकती है। स्थानांतरण नीति में भी कर्मचारी दंपती को एक ही जगह पर समायोजित करने का प्रावधान रखा गया है।
सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने कर्मचारियों की दिक्कतों का निस्तारण करें और नीति के जरिये कर्मचारी दंपती को एक ही जगह पर समायोजित करने का प्रयास करें। अदालत ने स्थानांतरण नीति का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह एक हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर निर्णय लें और उसे पांवटा साहिब में रिक्त पद पर समायोजित करने का प्रयास करे।