डाॅक्टरों का चमत्कार! अपंगता का प्रमाण पत्र बनाने आया था, डाॅक्टरों ने कर दिया ठीक

Portrait an unknown male doctor holding a stethoscope behind

हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। डाॅक्टरों को दूसरा भगवान क्यों कहा जाता है, इसका उदाहरण एक बार फिर सबके सामने आ गया। एक हादसे में चोट लगने के बाद बाजू को लकवा मार गया तो एक युवक अपंगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए आईजीएमसी अस्पताल पहुंच गया।

लेकिन यहां के डाॅक्टरों ने प्रमाण पत्र से पहले कुछ ऐसा कर दिया कि युवक की बीमारी ही ठीक हो गई। उसे प्रमाण पत्र की जरूरत ही नहीं पड़ी। अब युवक अपनी बाजू से हर कोई काम कर सकता है।

अस्पताल प्रशासन के अनुसार चंबा के तहसील सलूणी के 23 वर्षीय युवक के कंधे में चोट लगी थी। कंधे में लकवा होने से मरीज का हाथ नहीं चल पा रहा था। मरीज आईजीएमसी अपंगता का प्रमाण पत्र बनवाने आया था।

प्लास्टिक सर्जरी और न्यूरोसर्जरी विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जब मरीज की जांच की तो पाया कि मरीज को चोट के कारण कंधे में लकवा मार गया है। इसके बाद दोनों विभागों की टीमों ने माइक्रोस्कोप के जरिये एक स्वस्थ नस को दूसरी नस के साथ ऑपरेशन करके जोड़ा।

डाॅक्टरों का दावा है कि यह मरीज अब ठीक है और उसका हाथ भी पूरी तरह से हिल रहा है। इस ऑपरेशन में न्यूरो सर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ दिग्जिवय सिंह ठाकुर, डॉ विप्लव सिंह, डॉ विक्रम सिंह, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ तुषार पटियाल, एनेस्थीसिया विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ कुनाल कुमार, डॉ डीजी नेगी, डॉ अतुल, डॉ नेहा और डॉ वृंदा ने सहयोग किया।

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