हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी एवं सेवानिवृत कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर को सेनाध्यक्ष ने सराहना पत्र से नवाजा है।
सेवानिवृत कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर ने सेवानिवृत होने के पश्चात अपनी सार्थक कर्तव्यानिष्ठ एवं कार्यदक्षता का परिचय देते हुए देश भक्ति को सर्व प्रथम रखते हुए देश की प्रगति में अनमोल योगदान दिया और देश के नागरिकों तथा अन्य पूर्व सैनिकों के लिए अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसके लिए सेनाध्यक्ष ने सेवा निवृत कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर को सराहना पत्र दिया है।
आरट्र्रैक शिमला में शनिवार को विशेष सम्मान समारोह में सेवा निवृत कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर को सम्मानित किया गया।
कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर आईपीएस (सेवानिवृत्त) ने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी हाई स्कूल घनाहट्टी-शिमला और बीए (ऑनर्स) तत्कालीन सरकारी बॉयज डिग्री कॉलेज संजौली शिमला से की है।
रामेश्वर सिंह ठाकुर ने सीडीएस परीक्षा पास करने और ओटीए चेन्नई में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद एक बहुत पुरानी इन्फैंट्री बटालियन में कमीशन मिला। यहां उन्होंने 1986-1991 तक सेवा की।
सेना में रहते हुए उन्होंने अपने काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपने युवा अधिकारियों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में उन्हें बेस्ट इन टैक्टिक्स चुना गया और घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान उत्कृष्ट काम किया।
सेना के बाद उन्होंने आईडीबीआई में सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्य किया और उसके बाद 1994 में एचपीपीएस में शामिल हो गए।
उन्हें पंजाब पुलिस अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी के रूप में बेस्ट इन इनडोर, बेस्ट इन आउटडोर और ऑल राउंड बेस्ट ऑफिसर के सभी तीन पुरस्कार हासिल करने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है।
उन्हें 2001 में भारत के विशिष्ट विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के लिए चुना गया था, जो भारत के प्रधान मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा की देखभाल करता है।
उन्हें पूर्व प्रधानमंत्रियों स्वर्गीय पी.वी. नरसिम्हा राव, आईके गुजराल, एचडी देवेगौड़ा और तत्कालीन प्रधानमंत्रियों स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ मनमोहन सिंह के साथ 2010 तक काम करने का सम्मान प्राप्त है।
एसपीजी से लौटने पर उन्होंने एसपी क्राइम और जिला एसपी के रूप में काम किया। उन्हें अपने जिले में 2012 के विधानसभा चुनाव के पेशेवर संचालन के लिए भारत के चुनाव आयोग से सर्वश्रेष्ठ एसपी पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है।