
हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। इस सदी के सबसे बड़े उड़ीसा रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की जान जा चुकी है। 50 से ज्यादा लोग गंभीर है जिनका उपचार चल रहा है। पीएम मोदी से लेकर देश के तमाम बड़े नेता मौके पर जा चुके है।
अब हादसे को लेकर जो कहानियां सामने आ रही हैं, वे दिल दहला देने वाली हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार जब हादसा हुआ, तो वह घर पर थे। तेज धमाके की आवाज आई तो बाहर आकर देखा कि एक ट्रेन का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ा है। चीख. पुकार मची हुई थी।
वह दौड़कर वहां पहुंचे और लोगों को बचाने में जुट गए। इस दौरान देखा कि दो ढाई साल का मासूम अपनी मां के शव से चिपककर रो रहा था। पास में ही पिता का भी शव था।
जब तक हम वहां पहुंचते, उससे पहले ही बच्चा रोते रोते बेसुध होकर निढाल हो गया। देखा तो मासूम की नब्ज नहीं चल रही थी। संभवतः सदमे से उसकी जान चली गई।
एक अन्य यात्री ने बताया, चारों तरफ खून से सने क्षत विक्षत शव दिख रहे थे। हर तरफ से चिल्लाने और चीखने की आवाजें आ रही थीं।