हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। 66 मेगावाट धौलासिद्ध परियोजना में दिसंबर 2025 से बिजली उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य है। 687 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली परियोजना के लिए ब्यास नदी का रुख मोड़ने को 250 मीटर दूरी पर टनल का निर्माण किया जाएगा।
शुक्रवार को प्रेसवार्ता करते हुए एसजेवीएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने बताया कि 382 मेगावाट की क्षमता वाला सुन्नी डैम भी निर्माण के स्तर पर आने वाला है। आगामी पांच वर्षों में इसका कार्य पूरा किया जाएगा।
इस पर करीब 2600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिकांश औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं, केंद्रीय कैबिनेट से अंतिम मंजूरी का इंतजार है।नंदलाल शर्मा ने बताया कि 880 मेगावाट के काजा सोलर पार्क की डीपीआर तैयार हो चुकी है। भारत सरकार से फोरेस्ट क्लीयरेंस का इंतजार है।
आगामी आठ वर्षों में देश.विदेश में एसजेवीएन 1.50 लाख करोड़ का निवेश करेगा। 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि निगम ने अपने पुराने लक्ष्यों को संशोधित कर दिया है।
अब वर्ष 2030 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य 12 हजार मेगावाट से बढ़ाकर 25 हजार मेगावाट कर दिया गया है। वर्ष 2040 तक लक्ष्य को 25 हजार मेगावाट से बढ़ाकर 50 हजार मेगावाट किया गया है। उन्होंने बताया कि 210 मेगावाट की लुहरी स्टेज वन परियोजना का काम जारी है। इस पर 1800 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
किन्नौर में 400 मेगावाट के सोलर पार्क के लिए भूमि की तलाश शुरू है। दो वर्ष में इसका काम पूरा किया जाएगा। चिनाब बेसिन से बिजली की ट्रांसमिशन के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा गया है।
नंदलाल शर्मा ने बताया कि लोगों के विरोध तक एसजेवीएन देश और विदेश में कहीं भी परियोजना निर्माण शुरू नहीं करेगा। किसी भी नियम को तोड़कर हम निर्माण करने के पक्ष में नहीं है। बड़ी परियोजनाओं के विरोध होते हैं।
इन्हें हल करने में समय लगता है। जंगी थोपन पोवारी को लेकर भी विरोध हो रहा है। हम वहां टनल बनाने के लिए नई तकनीक का प्रयोग करेंगे। ब्लास्टिंग से निगम ने इंकार किया है।