
हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। राजधानी शिमला में पेयजल और कूड़ा शुल्क बढ़ाने के बाद अब 30 हजार भवन मालिकों को नगर निगम ने एक और झटका दे दिया। शनिवार को हुए मासिक सदन में शहर में प्रॉपर्टी टैक्स चार फीसदी तक बढ़ा दिया गया है।
महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुए सदन में पहले मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों ने अपने मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। फिर जनता पर टैक्स बढ़ोतरी का बोझ लाद दिया। हैरानी तो ये रही कि 34 में से सिर्फ 6 पार्षदों ने सदन में इसका विरोध किया।
भाजपा पार्षद सरोज ठाकुर, कमलेश मेहता, आशा शर्मा के अलावा कांग्रेस पार्षद अनिता शर्मा, सिमी नंदा और नरेंद्र ठाकुर ने ही इस पर आपत्ति जताई। बाकी 28 पार्षद मौन रहे और इसके चलते प्रस्ताव पारित हो गया।
शहर की जनता ने दो महीने पहले ही इन सभी को चुनकर सदन में भेजा था। शहर की जनता को इनका पहला तोहफा भी शनिवार को मिल गया। टैक्स में यह बढ़ोतरी इसी वित्तीय वर्ष से लागू मानी जाएगी। हालांकि भवन मालिकों से इसकी वसूली अगले साल जारी होने वाले टैक्स के बिलों में की जाएगी।
शहर में अब हर साल प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया जाएगा। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से टैक्स को लेकर नए दिशा निर्देश जारी हुए हैं। इसके अनुसार प्रदेश की विकास दर के अनुसार टैक्स में बढ़ोतरी की जानी है।
देशभर के सभी शहरी निकायों को यह नई व्यवस्था लागू करनी है। इसे लागू करने पर ही केंद्रीय अनुदान नगर निगम शिमला को मिल पाएगा। इसलिए शिमला नगर निगम को भी अब इसी फार्मूले के तहत टैक्स बढ़ाना पड़ेगा। इस बार चार फीसदी टैक्स बढ़ाया जाना है।