हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। राजधानी शिमला में एक ऐसी बच्ची है जो फुटपाथ पर रहती है और कड़ाके की ठंड के बीच स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ाई करती है। दस साल की इस बच्ची का नाम है सुषमा। सुषमा पांचवीं कक्षा में पढ़ती है।
इसी फुटपाथ पर पिछली चार कक्षाओं की पढ़ाई की है। अब सोमवार से पांचवीं की परीक्षाएं है। ऐसे में रोज इसी लाइट के नीचे बैठकर तैयारी हो रही है। बोलने में तेजतर्रार सुषमा अपनी क्लास की मॉनिटर भी है।
इंग्लिश की लिखावट देखकर कोई बता नहीं सकता कि वह फुटपाथ पर पढ़ाई करके बड़ी हुई है। दिन का खाना स्कूल में तो शाम का खाना लोकल बसस्टैंड के गुरुद्वारे में करती है।
स्कूल खोलने और बंद करने का जिम्मा भी उसके पास है। सुषमा पढ़ लिखकर अफसर बनना चाहती है लेकिन साधन न होने के कारण आगे पढ़ पाना उसके लिए चुनौती है। सुषमा के पिता साथ नहीं रहते। वह अलग हो गए है। मां रामप्याारी भीख मांग कर जैसे तैसे गुजारा करती है।
सुषमा शिमला के मेफील्ड प्राइमरी स्कूल की छात्रा है। वैसे इनका परिवार लुधियाना का रहने वाला है। मूलत ये नेपाल के है। सर्दियां आते ही जैसे ही स्कूल में छुटटी पड़ती है, सुषमा मां के साथ लुधियाना चली जाती है। इसका एक भाई भी है जो बीमार रहता है।