हिमाचल रेडर न्यूज नेटवर्क। जिला शिमला में भाजपा की एक सीट को लेकर परेशानी बढ़ सकती है। यहां रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के नामांकन को चुनौती दी गई है।
प्रीतम देव ने कौल नेगी के अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र से आपत्ति जताई है। मामले पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तहसीलदार रामपुर को इस मामले का निपटारा करने के लिए दो दिन का समय दिया है।
न्यायाधीश संदीप शर्मा ने मामले का निपटारा करते हुए यह आदेश दिए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि कौल नेगी जिला किन्नौर के नास्पो गांव का निवासी है। जिला किन्नौर को केंद्र सरकार ने जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिया है।
नेगी भी इसका लाभ ले रहा है। नेगी के पिता को प्रदेश सरकार में जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण पर नौकरी मिली है। इसी तरह से कौल नेगी ने अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि लेते हुए जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण का लाभ लिया है।
रामपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। राजनीतिक लाभ के लिए नेगी ने प्रशासन को गुमराह कर अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र हासिल किया है। नियमानुसार उसे यह प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता है।
अदालत को बताया गया कि इस बारे में तहसीलदार से शिकायत की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई थी कि तहसीलदार को इस मामले का निपटारा करने के आदेश दिए जाएं।
अदालत ने आदेशों में स्पष्ट किया कि तहसीलदार इस मामले पर न्यायसंगत निर्णय पारित करे। कौल नेगी तेजतर्रार युवा नेता माने जाते है। वे इस सीट पर कांटे की टक्कर दे सकते है। अब देखना है कि उनके नामांकन पर क्या फैसला लिया जाता है।